देवदत पडीक्कल की जीवनी और उनके संघर्ष की कहानी।

Devdutt padikkal Biography in hindi.
जैसा की हमने पिछली पोस्ट में बहुत सारी संघर्ष , फैक्ट्स और शारीरिक स्वास्थ्य के सम्बंधित फैक्ट्स और बायोग्राफी पढ़ी थी। जिसके चलते हमें पता चला की लोगो का रिस्पांस पोस्ट पर काफी अच्छा आ रहा है। लेकिन देखा गया की पिछली पोस्ट टोबे मेगुअर के बारे में लोगो ने काफी सराहना दी।
लेकिन बात आती है जब भारतीय क्रिकेट टीम की तो लोग सब कुछ भूल जाते है। उन्हें अच्छे से पता यही की देश के खिलाड़ी का यहाँ तक पहुंचना बहुत ही मुश्किल और डरावना सफर होता है। जिसके चलते लोगो को भारतीय टीम के अंदर खेलने वालो से एक अलग ही सहानुभूति होती है।
आज हम जिस इंसान की बात करने जा रहे है। उनकी उम्र महज ही काम है लेकिन कारनामे काफी हद तक बड़े-बड़े प्लेयर्स के समान है। कहा जाता यही की बड़ी से बड़ी सफलता सिर्फ एक अच्छी योजना से सफल की जाती है। हम सभी जीवन के ऐसे मंजर में है। जिसमे हमको जित हासिल करनी है।
इसी के चलते आज हम बात करने जा रहे है देवदत्त पडीक्कल के बारे में , जो भारतीय टीम के बहुत की होनहार खिलाड़ी है। तो चलिए जानते है उनकी बायोग्राफी के बारे में।
INDIAN CRICKET TEAM PLAYER BIOGRAPHY
सम्पूर्ण जानकारी –
नाम – देवदत पाडीक्कल
शहर – एडप्पल , मल्लापुरम , केरला
जन्म तारिक – 07 जुलाई, 2000
ग्रेजुएशन – बंगलौर
कोच – मोहम्मद नसरुद्दीन
आधार – भारत
जाती – पाडिकलला
उचाई – 5.9
देवदत पाडीक्कल का जीवन बहुत ही साधारण परिवार में व्यतीत हुआ है। उन्हें कभी पता नहीं था की वे एक बहुत बड़े प्लेयर बनेगे। लकिन वो कहते है की जब इन्सान को success हासिल होना दिख जाती है तब वह उसके पीछे पागल हो जाता है। और यही नियम यही की जायदातर लोग सक्सेस को जल्द हासिल कर लेते है।
देवदत्त भारत के तमिल से बिलोंग करते है। देवदत पडीक्कल का कहना है की जब वे छोटे थे तब उनके पिता ने उन्हें प्लास्टिक का बेट लाकर दिया था।
लेकिन जब वे अपनी पढ़ाई पुरे किये उसके बाद उनके पिता बेंगलोर में शिफ्ट हो गए। देवदत पडीक्कल अपनी आगे की पढ़ाई चालू रखते हुए। अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने जाया करते थे। बाद में उनके एक दोस्त के बताने पर उहे आत्मज्ञान हुआ की ऐसे तो बोहत से प्लेयर उनके जैसे है लेकिन उनमे उनसे अलग क्या है।
और इसी मुद्दे के साथ देवदत पाडीक्कल ने अपने क्रिकेट की जर्नी को चालु रखा। और देखते ही देखते देवदत पाडीक्कल ने कर्नाटक क्रिकेट संस्थान में दाखिला लिया। जहाँ पर उन्हें जीवन के सबसे अच्छे कोच मिले , जिन्होंने उन्हें लोहा बनाया।

और देखते ही देखते उनका पर्दसन पूरा कर्नाटक क्रिकेट संस्थान देख रहा था। सभी को अब देवदत्त पर भरोसा होने लगा। और मोहमद्द नसरुद्दीन जो की उनके कोच थे , उन्होंने उसे ऐसी ट्रेनिंग दी की वे सीधे ही कर्नाटक प्रीमियर लीग में सेलेक्ट हो चुके थे।
वहां पर उन्होंने 2017 में अपनी ऐसी परफॉरमेंस दी की सभी लोग पूरी तरीके से पागल हो चुके थे। उसके बाद u19 एशिया कप के मैच में भी वे जीते। जिसके चलते आज पूरा भारत उन्हें जानता है। इतनी काम उम्र में सफलता हासिल का राज आपको क्या लगता है , कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे।
DEVDUTT PADIKKAL BIOGRAPHY IN HINDI
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