HAACHI ( Incridible Real Stroy ) IN HINDI
HACHIKO DOG BIOGRAPHY IN HINDI
आज जो हम कहानी पढने जा रहे है असल में वह एक जापानीस कुत्ते की है जिसकी जिंदगी की कहानी ने लोगो को प्यार और मोह का वास्तविक अर्थ बताया | ये कहानी एक ऐसे कुत्ते की जिसने अपने मालिक को कभी अकेला नहीं छोड़ा और ज़िन्दगी भर निष्ठावान रहा |
हाची की कहानी जापान में घटित हुई थी जिसको सुनने के बाद खुद हॉलीवुड ने मूवी बनाने का फेसला किया और हॉलीवुड ने the hachi मूवी के नाम से 2017 में फिल्म बनाई | जिसे देखने के बाद हाची नाम के कुत्ते के बलिदान की कहानी से लोगो को उसके प्रति इज्ज़त ओर बढ़ गई |
HACHIKO REAL LIFE MOVIE IN HINDI
हाची नाम के कुत्ते की कहानी शुरू होती है प्रोफेसर विल्सन के जीवन से | जो एक टोकियो कोलेगे में प्रोफेसर थें | वे हर रोज की तरह अपने काम को लेकर जापान ट्रेन स्टेशन से घर की तरफ रवाना हो रहे थें | लेकिन वे अचनांक देखते है की एक छोटा सा कुत्ता उनके पैर के पास आकर बैठ जाता है |
प्रोफेसर विल्सन उस कुत्ते को अपने हाथो में उठाते है और वे इधर-उधर देखते है लेकिन अफ़सोस की प्रोफेसर को इतनी भीड़ में इस कुत्ते का मालिक नहीं मिल रहा था | प्रोफेसर उस कुत्ते को लेकर ट्रेन स्टेशन हेप्ल सेंटर जाते है जहा पर कुछ ऑफिसर्स उस कुत्ते को लेकर मना कर ये कहते है की स्टेशन इंसानों के लिए बना है जानवरों के लिए नहीं |
प्रोफेसर को उस कुत्ते की ज़िन्दगी पर तरस आती है और वे उसे लेकर अपने घर की तरफ निकल जाते है | उनके घर पर भी कुत्ते को लेकर काफी विवाद होते है क्योंकि उनकी पत्नी कुत्तो को पसंद नहीं करती थी | प्रोफेसर उस कुत्ते को लेकर अपने दोस्त के पास जाते है और ये कहते है की इसे हम डॉग स्टेशन दे आये लेकिन जब उनका दोस्त उस कुत्ते के गले में लटक रहे लोकेट को देखता है तब वह कहता है की ये कोई साधाराण कुत्ता नहीं इस लोकेट का नाम हाची है जिसे जापान में लकी यानी किस्मत वाला माना जाता है |
इस बात को सुकर प्रोफेसर विल्सन उस कुत्ते को अपने पास रखने का फैसला करता है और उसके बाद हाची का नाम हाचिको रख दिया जाता है और वह अब धीरे-धीरे बढ़ा हो जाता है और प्रोफेसर के साथ उसका एक अलग ही लगाव हो जाता है
अब हाचिको प्रोफेसर को छोड़ने रोज घर से ट्रेन स्टेशन को जाता है और एक वक़्त ऐसा आया की कभी कभी टोकियो से वापस आने तक हाची अपने मालिक प्रोफेसर विल्सन का उसी ट्रेन स्टेशन पर बैठ कर इंतज़ार किया करता था | ये चीज़ देखकर प्रोफेसर के आखो में कई बार आसु आ जाते थें | क्योंकि हाची का मोह अब अपने मालिक के प्रति कुछ जयादा बाद गया था |
और इसी तरह एक दिन प्रोफेसर अपनी कालेग के लिए टोकियो जाते है और हाची भी अपने माली के साथ ट्रेन स्टेशन जाता है और वही पर अपने मालिक के लौटने तक का वापस इंतज़ार करता है लेकिन दुर्भाग्यवश प्रोफेसर विल्सन की हार्ट अटैक की वजह से मौत हो जाती है |
प्रोफेसर की मौत के बाद भी हाची अपने मालिक का इन्तेजार उसी स्टेशन पर रोज किया करता था और एक दिन ऐसा आया की प्रोफेसर को मरे हुए 10 साल हो गये थें लेकिन हाचीको उसी स्टेशन पर हमेशा अपने मालिक का इंतज़ार करता रहा और अंत में कमजोरी के कारण वह मर गया |
हाची के मरने के बाद लोगो को पता चला की वो 10 सालो तक अपने मालिक का इंतज़ार करता रहा | जिसने अपनी मौत से दुनिया को ये सन्देश दिया की हम अपनी प्यार की शक्ति के साथ दर्द के साथ भी जिंदा रह सकते है अगर आपको इस धरती पर सच्चा प्यार करने वाला मिल जाए तो आप इस दिया में वास्तिवक रूप से किस्मतवाले है |
BIOGRAPHY OF HACHIKO DOG
HACHIKO DOG BIOGRAPHY IN HINDI