SCIENCE ने बताया महारथी कर्ण के जन्म की सच्ची कहानी |
KARNA BIOGRAPHY IN HINDI.
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आज की दुनिया का दौर साइंस और प्रकृति के मौलिक सिद्धांतों पर आधारित है | लेकिन पूरे विश्व मे जाने जाना वाला भारत देश अपने प्राचीन संस्कृति और ग्रंथों के बल पर पूरे विश्व के विज्ञान को भारी सोच में डाल दिया है जिसके चलते बहुत से देश के वैज्ञानिक भारत की आध्यात्मिक विज्ञान को लोगों के सामने झुट बता रहे है |
आज हम जानेंगे की महाभारत के कर्ण का जन्म सूर्य के द्वारा बिना किसी कुंती संबंध के कैसे हो सकता है जिसके चलते बहुत से वैज्ञानिक भारत के इस संग्राम को झूठा और मनघड़ित बता रहे है लेकिन आज फेक्ट्स एण्ड बायोग्राफी वेबसाईट इस महारथी कर्ण के जन्म की पूरी कहानी एक साइंस के सिद्धांतों के साथ समझाएगी |
जैसा की हम जानते है की दुनिया के सामने एक अनसुलझी बात बन चुकी है की कर्ण का जन्म बिना किसी कुंती संबंध के कैसे हो सकता है क्योंकि किसी मंत्र के पढ़ने पर किसी इंसान का जन्म असंभव है | लेकिन इंडियन कॉनसपिरेसी सिद्धांतों के अनुसार कुछ ऐसे साइंस तर्क दिए गए जिसके चलते महाभारत के सारे तथ्यों को सत्य मानना पडा |
जैसा की हम सभी जानते है की कुंतीभोज की राजकुमारी कुंती को जैसे ही पता चला की उन्हे शहर में महान ज्ञानी महाऋषी दुर्वाषा गुजर रहे है , तभी राजकुमारी कुंती ने महान महाऋषी दुर्वाषा के लिए भोजन और सेवाओ का प्रयत्न करवाया जिसके चलते महाऋषी दुर्वाषा ने कुंती की इस सेवा भावी मन को देखकर खुश होकर कुंती को बहुत ही शक्ति शाली मंत्र दिया जो इच्छा को पूर्ण कर सकता था | महाऋषी दुर्वाषा के जाने पर कुंती ने अगली सुबह उत्सुकता में नदी किनारे जा कर उस शक्ति शाली मंत्र को बोला जिसके चलते सूर्य देव धरती पर आकर कुंती से उसकी मनो इच्छा प्रकट करने को बोलते है | इस वारदात में कुंती बिना सोचे समझे पुत्र प्राप्ति मांग लेती है जिसके चलते कुंती को एक महान पुत्र कर्ण दान में मिलता है |
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यह पूरी कहानी NASA और कई साइंस सेंटर को झुट और मानघड़ित लगती है लेकिन भारतीय साइंस के अनुसार महाऋषी दुर्वाषा ने जो मंत्र कुंती को दिए थे,वे वास्तविकता मे एक कोड थे जो सीधे ही दूसरे गृह पर रहने वाले सूर्य देव को डिनोट हो गए | जिसके चलते सूर्य देव पृथ्वी नाम के गृह पर उतरे |
भारतीय लोग जिस महान सूर्य देव को पूजते है वह वास्तविक में साइंस के अनुसार सूर्य जैसे गृह हो संचालन करने वाले एक महान जीव है जो पूरी तरीके से इंसानों जैसे दिखते है |जैसे ही कुंती द्वारा बुलाए जाने पर सूर्य देव अपनी क्षमता और अधभूत कला से कुंती के कान में
छोटी-छोटी पुपिल्स (पतली नशे) से शक्तिशाली शुक्राणु को प्रवेश करवाया जो सीधे ही एंडोमेट्रियम लेयर मे बीज के रूप में पैदा हो गया जो आगे जाकर कर्ण के रूप में इंसानो जैसा दिखने लगा |अगर आप पढ़ते है की हरकुलीयस और थीसियास जैसे महान यहूदी योद्धा की जन्म कथा में बताया गया है की वे योद्धा देवताओ के पुत्र थे जिनमे इंसानों कई अधिक बूढ़ी और क्षमता थी | जो दिखने इंसानी रूप थे लेकिन वे के देवताओ का अंश थे जिन्हे हरा पाना बहुत ही मुश्किल था | और कर्ण भी सूर्य देव का अंश था जिसकी इंसानों के साथ कभी तुलना नहीं की जा सकती |
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अगर आपको विडिओ के अनुसार इस कहानी की सच्ची को जानना है तो हमारे इस लिंक को फॉलो करे |https://youtu.be/47bzku1z7rQ