अगर किसी घनिष्ट की मृत्यु हो जाये तो अपने
को उस समय कैसे संभाले।
LORD BUDDHA STORY IN HINDI
भगवान् बुद्ध भारत के भगवान् नही बल्कि दुनिया भर में माने जाने वाले भगवान् है । उनके उपदेश और गाथा देश भर में जानी जाती है। उनकी प्रेदायक कहानियों से मानव जाति को एक उद्देश्य और हिम्मत मिलती है जो जीने का वझे और सहारा देती है।
कुछ तो महात्मा बुद्ध की ऐसी गाथा और कहानिया है जो दुनिया में लोगो को जीने का सहारा देती है और भटके लोगो को सहारा दे देती है।
आज जो में महात्मा बुद्ध की कहानी बताऊंगा वो आपको आपके जीवन से जुडी एक ऐसी परेशानी और दुःखद घटना में हिम्मत शक्ति दिलाने का काम करेगी।
LORD BUDDHA STORY IN HINDI
एक बार भगवान् बुद्ध अपने शिष्यों के साथ किसी गाँव में उपदेश दे रहे थे।
वे अपने शिष्यों और गाओ के लोगो को जीवन में सफल होने के तरीके और जीवन जीने का सलिखा बता रहे थे, महात्मा बुद्ध के उपदेश जीवन में किसी खाश वस्तु या जगहे को खो देने पे उस वस्तु या जगहे के लिए अपने आप को निर्जीव नही बनाना चाइये। बल्कि उस वस्तु को भूल कर आगे बढ़ने की सोचना चाइये यही सफल होने का एक रहस्य है।
ये सारे उपदेश महात्मा बुद्ध आपने शिष्यो को दे ही रहे थे की उतने में एक स्त्री अपने मृत बेटे के शरीर को लेकर रोते रोते महात्मा बुद्ध जिस जगहे में उपदेश दे रहे थे वह पोहच जाति है,
और बुद्ध से आग्रह करती है कि पूरे विसवः में पहचाने जाने वाले महान बुद्ध पूरा विशव तुम्हे भगवान् समझता है और तुम्हारे उपदेश वाक्य में मृत लोगों को ज़िंदा कर सकता है, और अगर तुम वाक्य में भगवान होतो तुम मेरे बेटे को जिन्दा करके बताओ उसने तो किसी का बुरा भी नही किया फिर भी वो किसी बिमारी के कारण मर गया आखिर क्यों?
HOW TO AVOID YOUR DEATH (LORD BUDDHA STORY IN HINDI)
भगवान् बुद्ध समझ गए की ये स्त्री अपने बेटे की मृत्यु को झेल नही पा रही है , और ऐसी स्तति में वे उपदेश के जरिये उस स्त्री को नही समझा पाते,इस लिए बुद्ध ने उस स्त्री से कहा कि तुम पुरे भारत में घूम कर एक घर से तुलसी के तीन पत्ते लेकर आओ। लेकिन उस घर में तीन पीढ़ियों तक उस फर का एक भी सदस्य कोई की मृत्यु नही हुई हो।
वहः स्त्री उन तीन पतों को खोज में चली जाती है। पुरे भारत में घूमने के बाद उस स्त्री को इस घर नही मिलता और वहः महात्मा बुद्ध के पैरों में आकर रोने लेफ्टि है और बोलती है कि में समझ गई भगवान की जो भी इंसान इस संसार में जन्म लेता है। उसे मारना तो है ही परन्तु किसी को पहले मारना है और किसी को बाद में लेकिन मारना है ही किसी घनिष्ट के मर जाने के बाद कुछ समय सोक जरूर मनाना चाइये लिजिन उस चीज को लेकर जिंदगी को वही खत्म करना बेवकूफी होगी।
इस लिए जीवन में कैसी भी इस्तति आये लेकिन जीवन में सब कुछ भूल जा कर आगे बढ़ना ही जिंदगी है।
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