MAYANK AGARWAL,AGE,FAMILY,GIRLFRIEND, BIOGRAPHY IN HINDI
MAYANK AGARWAL CRICKETER BIOGRAPHY IN HINDI
भारतीय टीम के क्रिकेटर मयंक अग्रवाल की जीवनी और फैक्ट्स।

जैसा की हमने पिछली पोस्ट में ऐसे बहुत से फैक्ट्स और बायोग्राफी के बारे में जानने को मिला। जिससे हम हमेशा से अनजान थे। लेकिन आज फैक्ट्स एंड बायोग्राफी मैं किसी मूवी या किसी एक्टर की बायोग्राफी के बारे में नहीं बताया जाएगा। बल्कि इंडिया के ऐसे प्लेयर के बारे में बताया जाएगा जो अध्भुत है।
भारतीय क्रिकेट में आए ऐसे- ऐसी बल्लेबाज , जिन्होंने देश का नक्शा ही बदल दिया। और देश में आने वाले सलामी बल्लेबाजों पर उनका प्रभाव बहुत अधिक था। कुछ ने अपनी तकनीक को उसके इर्द-गिर्द ढाला, जबकि उनमें से अधिकांश ढालना चाहते थे लेकिन हो नहीं पाया। लेकिन आज के दौर में भारतीय टीम में ऐसे लोग आ चुके है। जिनके अंदर पुराने खिलाड़ियों की झलक दिख रही है।
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मयंक की निजी जानकारी के बारे में यदि जाने तो वह यह है।
16 फरवरी 1991 ( ३० वर्ष)
जन्म स्थान – बेंगलोर, कर्नाटक
क्रिकेट में भूमिका – बल्लेबाज।
मयंक अग्रवाल ने भारतीय टीम का हिस्सा बनने के लिए काफी परिश्रम किया है। और आज उन्हें भारत में सभी लोग जानते है। हम सभी जानते है की मयंक अग्रवाल को सराना देने वाले भारतीय टीम के मुख्य विराट कोहली है। जिन्होंने भारत के लोगो का दिल पूरी तरीके से जीता हुआ है।
मयंक अग्रवाल भारतीय टीम के काफी बड़े बड़े लोगो के मिश्रण है। उनमे उन सभी खिलाड़ियों की क्षमता दिखती है, जो पहले भारत के लिए खेला करते थे। मयंक अग्रवाल को सबसे पहले तब सुर्खियों में देखा गया, जब वे U19 विश्व कप में एक बेहतरीन भूमिका निभा रहे थे। हलाकि बाकी टीम सदस्यों की भूमिका बहुत ही खराब रही। लेकिन उससे मयंक के जीवन को ज्यादा फरक नहीं पड़ा।
अब दौर ये था की मयंक एक नए मैच के इंतज़ार में थे। उन्हें सिर्फ एक ऐसे समय का इंतज़ार था जो उन्हें एक बोल की तरह आसमान में उछाल फैके। मयंक का शुरूआती पहलु 2010 से T २० से शुरू हुआ था।
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उनके हौसले और तेज स्फर्ति को देखकर उन्हें 2011 में आईपीएल मिला। फिर क्या मयंक अग्रवाल के जीवन का वो दिन। करो या मारो जैसा था। सब कुछ उन्होंने अपने कर्म फलो पर थोप दिया था। उन्हें पता था की आईपीएल उनके जीवन को क्या दिशा दे सकता है।
उस मैच में उन्होंने काफी अच्छी पर्फोर्मस दी लेकिन दुर्भाग्य की बात थी की भारतीय टीम को अभी भी एक बेहतरीन बल्लेबाज की आवश्यकता थी। लेकिन मयंक ने अभी भी हार नहीं मानी थी। उन्हें 2014-2015 के आईपीएल टीम में खेलने का मौका मिला, लेकिन लोग उन्हें सिर्फ एक बल्लेबाज के रूप में याद रख रहे थे।

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उसके बाद मयंक अग्रवाल ने काफी मेहनत की और अपने होसलो को इखट्टा किया। और जिस पल का उन्हें इंतज़ार था, बस वही हुआ। उन्हें 2017 -2018 मैं रणजी मैच के लिए चुना गया। जो उनके जीवन को पूरी तरीके से बदलने वाला था। उस मैच में उनका परफॉरमेंस लाजवाब था। वे अपने आप को रोक नहीं पाए, और सभी लोगो की नजर उनके बल्लेबाजी पर थी।
फिर भारतीय टीम को उन्हें चुनना ही था। आप मयंक अग्रवाल की जीवनी से क्या शिक्षा मिलती है। क्या हमको भी अपने हौसले तोड़ लेने चाहिए या अपने आपको काबिल बनाना चाहिए। लेकिन इन दोनों बात में एक बात सत्य है की धैर्य इंसान को महान बनता है। लेकिन इंसान को अपने कर्मो पर विश्वाश होना चाहिए किस्मत पर नहीं।